Saturday 23 January 2016

दरियाव जी महाराज की दिव्य वाणी

बोलो राम

रामस्नेही धर्म की आचार संहिता

रामस्नेही धर्म की आचार संहिता

१. सर्व व्यापी श्री राम जी महाराज का ईष्ट रखना।
२. संत वाणी, वेद-पुराण स्मृति ,गीता ,भागवत आदि पुराणो को मानना व स्वाध्याय करना एंव घर में रखना।
३. प्रात:सांय काल संध्या वन्दन ,आरती व ज्यादा से ज्यादा नाम जप करना चाहिए।
४.नित्ये माता-पिता एंव गुरु चरणो में प्रणाम नमस्कार करना।
५. गुरु मंत्र में अटल विश्वास व प्रात:सांय काल उच्चारण एंव सुमिरण करना।
६. कंठी-माला , तिलक आदि धारण करना।
७. नित्ये प्रात: स्नान आदि करके गुरु वाणी का पाठ करना एंव बाद में भोजन करना।
८. संत सतगुरु के सानिध्ये में सत्संग व भगवद भक्ति करना और संत सतगुरु परमात्मा की  ने तो निंदा करना न सुनना।
९. नजदीक रामद्वारा हो तो सत्संग में जाना नित्ये दर्शन करना एंव संत सेवा करना। यदि आप विदेश (प्रदेश) में रहते हो तो साल में एक बार जरूर गुरु धाम जाये।
१०.भोजन शुद्ध - सात्विक करना। भोजन भगवान को अर्पण कर करना। किसी के साथ भोजन न करना। चातुर्मास में रात्रि भोजन नही करना एंव यथा सम्भव अन्ये दिनों में भी इस नियम का पालन करे।सुआ-सूतक में जहां तक हो किसी के घर भोजन नही करना।
११. शरीर पर स्वच्छ वस्त्र धारण करना।
१२. पानी हमेशा छानकर ही पीना।
१३. अतिथि सत्कार कर गृहस्थ धर्म का पालन करना।
१४.जीव हिंसा नही करना।कुते को रोटी खिलाना पुण्ये है किन्तु पाल कर घर पर रखना अच्छा नही है।
१५.गाय की सेवा एंव घर में रखना।यथा सम्भव गाय के दूध दही घी का ही प्रयोग करना।
१६.महिलाये चूल्हे-चौके का तीन दिन का नियम रखना।
१७. पति,सास,ससुर में ईश्वर भाव रख सेवा करना।
१८. बच्चो को भारतीय सु संस्कार देना।
१९. चाय,बीड़ी,सिगरेट,गांजा,भांग,तम्बाकू,गुटखा,अफीम,शराब आदि नशीले पदार्थो का सेवन नही करना।
२०. आपस में एक-दूसरे से मिलने पर राम राम सा या राम जी राम बोलना।
२१. समय समय पर घर में सत्संग करना या वाणी जी का पाठ व राम नाम जप करना।