Monday 23 May 2022

संत सद्गुरुदेव पूजनीय हैं।

श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ गुरुदेव के लिए न बंधन है और न मोक्ष है। अखण्ड ज्ञान से युक्त हैं अतः ब्रह्म हैं। शरीर दृष्टि से गुरुदेव एक मनुष्य दीखते हैं पर मनुष्य नहीं हैं। जैसे श्रीराम, श्रीकृष्ण मनुष्य दीखते थे, पर मनुष्य नहीं वे ब्रह्म थे। सब प्रकार के भेद भावों से रहित थे। उसी प्रकार गुरु साक्षात परं ब्रह्म हैं। जैसे मदिर में अर्चा विग्रह से विराजकर प्रभु दर्शन और सेवा का सुूयोग हमको देते हैं उसी प्रकार गुरुदेव का स्थूल विग्रह कृपा विग्रह है। हमें इसी का दर्शन प्राप्त है। इसी की सेवा और ध्यान संभव है, व्याप्त का नहीं। संत सद्गुरुदेव पूजनीय हैं।