नामजप से बढ़कर कोई साधना नहीं है। तुम जो चाहो सो करो, पर नाम लेते रहो।अन्य किसी साधन की कोई जरूरत नहीं है। बस निष्ठा के साथ नाम जपते रहो।
भवसागर से पार उतरने का सबसे श्रेष्ठ साधन है ध्यान और ध्यान का आधार है नाम-जप। नाम-जप चलता फिरता परमात्मा है। ध्यान तो दिन में घण्टे-दो घंटे ही करना होता है, शेष समय में नाम जप ही सुलभ और श्रेष्ठ साधन है। इसमें भी अखंड नाम जप की महिमा तो अतुलनीय है। नाम जप ईश्वरीय शक्ति का आहार है। जैसे हम अतिथि को प्रसन्न करने के लिए स्वादिष्ट पकवान परोसते है, वैसे ही ईश्वर को रिझाने के लिए एकाग्रचित्त श्रद्धाभाव से लय-तालपूर्वक किया गया नाम-जप बहुत श्रेष्ठ आध्यात्मिक भोजन है। नाम धुन एक अलौकिक आनंद की जननी है। इसमें डूबने के लिए आवश्यक है कि जपकर्त्ता अपने आपको उसमें विलीन कर दे।
राम जी राम
जय गुरुदेव🌹🙏
✍️गुरु कृपा सन्देश......