Wednesday 18 December 2019
अमृत बिन्दु :-स्वामी श्री बलरामदास जी महाराज
स्वामी श्री बलरामदास जी महाराज
Wednesday 11 December 2019
थाने नमो नमो गुरू दरिया
Sunday 1 December 2019
रामस्नेही सम्प्रदाय रेण की वंशपरम्परा का पद स्वामी बलराम दास जी शास्त्री जी महाराज कर्त
नमो नमो सन्तदास महाराजा
नमो नमो सन्तन शिरताजा!१!
नमो नमो भगवंत स्वरूपा
नमो नमो “प्रेम” सत रूपा !२!
नमो नमो गुरू राम अनन्ता
नमो राम दरियाव भनन्ता !३!
पूरण,किसना नमो सुखरामा
नानक,हरका नमो गुरूधामा!४!
नमो “भागवत” नमो भगवंता
नमो नमो राम अरू सन्ता !५!
नमो नमो गोपाल गुरू देवा
नमो नमो सन्तन की सेवा !६!
नमो नमो गुरू दीन दयाला
नमो नमो क्षमाराम कृपाला!७!
दादा गुरू दान्तड़े वासा
जिनके उर में राम निवासा !८!
प्रेम गुरू बहु भजनानन्दा
खींयासर में मनत आनन्दा !९!
रेण नगर में भये अवतारी
दरिया दाता कहत नर नारी!१०! चेत मास अतिशोभना, *अर्ज करे बलराम !*
सन्तन के आशीष से, पूर्ण होय सब काम
श्री दरियाव जी महाराज के 72 प्रमुख शिष्य
Friday 15 November 2019
रामस्नेही सम्प्रदाय रेण की वंशावली
Tuesday 12 November 2019
अपने गुरुदेव का गुरुपद यह ब्रह्मा, विष्णु, महेश से भी ऊँचा पद है।
अपने गुरुदेव का गुरुपद यह ब्रह्मा, विष्णु, महेश से भी ऊँचा पद है। *गुरु साक्षात् परब्रह्म हैं।* ब्रह्माजी ने तो बाहर का शरीर दिया *किंतु गुरुदेव ने हमको ज्ञान का वपु (शरीर) दिया।* विष्णु जी बाहर के शरीर का पालन करते हैं *लेकिन गुरुदेव हमारे ज्ञान को पुष्ट करते हैं। हमारे “मैं” को, हमारे चैतन्य वपु को ब्रह्ममय उपदेश दे के पुष्ट करते हैं।* शिवजी तो बाहर के ‘कचरा (मलिनता भरे) शरीर’ को मारकर नये की परम्परा में ले जाते हैं। *लेकिन गुरु जी तो जन्म-जन्मांतर के संस्कारों की सफाई करके हमें शुद्ध स्वरूप में जगाते हैं।* तो गुरुदेव ब्रह्मा-विष्णु-महेश की नाईं हमारे अंदर इतना परिवर्तन करते हैं फिर भी रूकते नहीं, *गुरुदेव तो अपने स्वरूप का दान दे देते हैं- ‘जो मैं हूँ वह तू है।’* तो ब्रह्म-परमात्मा से अपने को अभिन्न अनुभव करना यह गुरु तत्त्व का प्रसाद पाना है।
कहाँ तो अनंत ब्रह्मांडनायक परमेश्वर और कहाँ एक हाड़-मांस के शरीर में रहने वाला चेतन लेकिन ‘शरीर मैं हूँ’ यह भ्रांति मिटते ही *अनंत ब्रह्मांडनायक के साथ एका करा देते हैं गुरुदेव*
*ऐसे गुरुदेव को मेरा दण्डवत कोटि कोटि नमन, नमन !*
*राम जी राम*