1008 ANANT SRI DARIYAV JI MAHARAJ अनंत विभूषित १००८ दरियाव जी महाराज
सत्य वह दौलत है, जिसे पहले खर्च करो और जिंदगी भर आनंद पाओ, झूठ वह कर्ज है जिससे क्षणिक सुःख पाओ पर जिंदगी भर चुकाते रहो।
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