Friday 14 November 2014

भजन करो भाई रे।

।। राम राम सा।।
भजन करो भाई रे।
एसो तन पाई के।।
नाही रहे लंकापति रावण
नाही रहे दुर्योधन राइ रे
एसो तन पाई के।।
नाही रहे हनुमान जानकी
नाही रहे लखन-रघुराई रे
एसो तन पाई के।।
नाही रहे वासुदेव जसोदा
नाही रहे
नाही रहे किशन कन्हाई रे
एसो तन पाई के।।
मात पिता सूत
आड़े भाईबंद
आयो जमराज
आयो जमराज
पकड़ ले जाई रे
एसो तन पाई के।।
लाल खंभ पर
देत ताव लो
बिन सतगुरु कोन
बिन सतगुरु कोन
छुड़ाई मेरे भाई रे
एसो तन पाई के।।
धरमदास की
अरज गुसाई
नाम कबीर
नाम कबीर
को हराई मेरे भाई रे
एसो तन पाई के।।
भजन करो भाई रे।।
एसो तन पाई के।।










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