।। राम राम सा।।
भजन करो भाई रे।
एसो तन पाई के।।
एसो तन पाई के।।
नाही रहे लंकापति रावण
नाही रहे दुर्योधन राइ रे
एसो तन पाई के।।
नाही रहे दुर्योधन राइ रे
एसो तन पाई के।।
नाही रहे हनुमान जानकी
नाही रहे लखन-रघुराई रे
एसो तन पाई के।।
नाही रहे लखन-रघुराई रे
एसो तन पाई के।।
नाही रहे वासुदेव जसोदा
नाही रहे
नाही रहे किशन कन्हाई रे
एसो तन पाई के।।
नाही रहे
नाही रहे किशन कन्हाई रे
एसो तन पाई के।।
मात पिता सूत
आड़े भाईबंद
आयो जमराज
आयो जमराज
पकड़ ले जाई रे
एसो तन पाई के।।
आड़े भाईबंद
आयो जमराज
आयो जमराज
पकड़ ले जाई रे
एसो तन पाई के।।
लाल खंभ पर
देत ताव लो
बिन सतगुरु कोन
बिन सतगुरु कोन
छुड़ाई मेरे भाई रे
एसो तन पाई के।।
देत ताव लो
बिन सतगुरु कोन
बिन सतगुरु कोन
छुड़ाई मेरे भाई रे
एसो तन पाई के।।
धरमदास की
अरज गुसाई
नाम कबीर
नाम कबीर
को हराई मेरे भाई रे
एसो तन पाई के।।
अरज गुसाई
नाम कबीर
नाम कबीर
को हराई मेरे भाई रे
एसो तन पाई के।।
भजन करो भाई रे।।
एसो तन पाई के।।
एसो तन पाई के।।
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