Wednesday 13 July 2022

पूज्य गुरुदेव श्री हरिनारायण जी महाराज


श्री रेणपीठाधिप: , गरूड़ासन उपविशतयः।
पूज्य गुरहरिनाराणाय, नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*रेण धाम के पीठाधीश्वर,पीठाधिपति, गरूड़ासन पर विराजमान,पूज्य गुरुदेव श्री हरिनारायण जी महाराज के लिए ह्रदय से मेरा नमन है, सदा नमन है।*

ब्रह्मज्ञान प्रकाशाय, प्रमानन्दयोगिने।
पूज्य गुरुहरिनाराणाय, नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*ब्रह्मज्ञान का प्रकाश करने वाले परमानन्द योगिस्वरूप पूज्य श्री गुरुदेव हरिनारायण जी महाराज के लिए  ह्रदय से मेरा नमन है, सदा नमन है।*

शिष्य:प्रगर्ति कामाय, लोकहित विद्यायिने।
पूज्य गुरुहरिनाराणाय:, नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*शिष्यों की प्रगर्ति हेतु चिंतन करने वाले,लोकहित में प्रवृत ,पूज्य श्री गुरुदेव हरिनारायण जी महाराज के लिए ह्रदय से मेरा नमन है, सदा नमन है।*

सद्विचार बोधाय, मायामद्विनशीने।
पूज्य गुरहरिनाराणाय:, नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*सद्विचारों का बोध देने वाले, मायामद का विनाश करने वाले पूज्य गुरुदेव श्री हरिनारायण जी महाराज के लिए ह्रदय से मेरा नमन है, सदा नमन है।*

पुण्यदिशानिर्देशाय,परमपितृरूण।
पूज्य गुरुहरिनाराणाय:, नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*परमपिता स्वरुप, पुण्यकर्मों के लिए दिशा-निर्देश देने वाले,पूज्य श्री गुरुदेव हरिनारायण जी महाराज के लिए ह्रदय से मेरा नमन है, सदा नमन है।*

श्रोत्रियब्रह्मनिष्ठाय:,दिव्यज्योतिः स्वरूपिणे।
पूज्य गुरुहरिनाराणाय:, नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*समस्थ श्रुतियों के शब्द ब्रह्म के मर्मज्ञ व तत्व के ज्ञाता,परोक्ष ब्रह्म सक्ष्यातकारी,दिव्यज्योतिः स्वरूप पूज्य गुरुदेव हरिनारायण जी महाराज के लिये ह्रदय से मेरा नमन है, सदा नमन है।*

करुणाखड्गपातेन, छित्वा पाशाष्टकं शीशों:।
पूज्य गुरुहरिनाराणाय:,नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*करुणारूपी तलवार के प्रहार से शिष्य के आठो पाशों (संशय,भय,रोग संकोच,निंदा,प्रतिष्ठा, कुलाभिमान,सम्पति,)को काटने वाले पूज्य गुरुदेव श्री हरिनारायण जी महाराज के लिये ह्रदय से मेरा नमन है, सदा नमन है।*

अज्ञानमूलहरणाय, जन्मकर्मनिवारकम।
पूज्य गुरुहरिनाराणाय:,नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*अज्ञान की जड़ को उखाड़ने वाले, अनेक जन्मों के कर्मो को निवारने वाले पूज्य गुरुदेव हरिनारायण जी महाराज के लिये ह्रदय से मेरा नमन है , सदा नमन है।*

ज्ञानवेराग्यसिध्यर्थमाय, भावातीतंत्रिगुणरहितं।
पूज्य गुरुहरिनाराणाय:,नमो ह्र्दयार्मम नमः सदा।।

*ज्ञान और वैराग्य को सिद्ध करने वाले, भावना से परे,सत्व,रज ओर तम तीनो गुणों से रहित ,पूज्य गुरुदेव श्री हरिनारायण जी महाराज के लिये ह्रदय से मेरा नमन है,सदा नमन है।*

राम जी राम मेरे राम जी

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