*जन दरियाव तुम्हारा दरसन,*
*भागभला सोई पावे*
*दरियाव दयाल तुमारा दर्शन*
*भाग भला सोई पावे*
*सप्तपुरी रायणमे प्रगटे,*
*दरस परस सुख पावे*
*नाम जहाज भवसागर मांही,*
*बैठत पार लगावे*
*देश देशका रामस्नेही,*
*हिलमिल दरसन पावे*
*तपोभूमिमें जो कोई आवे,*
*करम सकल मिट जावे*
*कामी क्रोधी ओर मती हिना,*
*व्यभिचारी टल जावे*
*दरशन आवे परमपद पावे,*
*अवागमन मिट जावे*
*शिव सनकादिक ओर ब्रम्हादिक,*
*मिलन नारदजी आवे*
*स्वर्गलोग से देवगण आवे,*
*निशदिन चवर ढुरावे*
*गढ गिरनारसु मुनिश्वर आवे,*
*चरण में शिश नमावे*
*गोरखनाथ भरथरी आवे,*
*गोपी चंन्द यश गावे*
*मुरधर देश जहां पुरी रायण,*
*राजा दर्शन आवे*
*पुरणदास दासन के दासा,*
*मनवंछित फल पावे*
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