रेण रामस्नेही आचार्य परम्परा :-
1. रेण रामस्नेही सम्प्रदाय के आदि प्रर्वतक श्री श्री 1008 आचार्य श्री दरियाव जी महाराज का प्राकट्य - वि.सं. 1733 भाद्रपद कृष्ण जन्माष्टमी तथा महानिर्वाण वि.स. 1815, मार्गशीर्ष पूर्णिमा को।
2. आचार्य श्री हरखाराम जी महाराज प्राकट्य वि.सं. 1803, भाद्र पद कृष्ण द्वादशी तथा महा निर्वाण वि.स. 1861, भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी को।
3. आचार्य श्री रामकरण जी महाराज (आपने 77 वर्ष तक गादी पर विराजमान होकर संत सेवा की थी ) प्राकट्य वि.सं. 1736, भाद्र पद शुक्ला चतुर्दशी को तथा निर्वाण तीथी ज्ञात नहीं हैं,
4. आचार्य श्री भगवद्दास जी महाराज प्राकट्य वि.स. 1917, चैत्र कृष्णा तृतीया तथा महानिर्वाण वि.सo 1859, कार्तिक कृष्ण का एकादशी को ।
5. आचार्य श्री रामगोपाल जी महाराज - पदासीन वि.स. 1959, कार्तिक सुद्धीपूर्णिमा तथा ब्रह्मलीन वि.सं. 1998, फाल्गुन शुक्ला, प्रतिपदा को ।
6. आचार्य श्री क्षमारामजी महाराज- प्राकट्य वि.सं. 1940, भाद्रपद कृष्णाष्टमी व गादी आसीन वि. सम्वत् 1998, चैत्र शुक्ला तृतीया तथा ब्रह्मलीन वि.सं. 2029 पौष कृष्णा तृतीया शनिवार को।
7. आचार्य श्री बलरामदास जी महाराज ने केवल पांच मिनट गादी स्वीकार की और अपने शिष्य श्री हरिनारायण जी महाराज को गादी प्रदान कर दी। प्राकट्य वि.स. 1994, मिंगसर सुद्धि एकादशी व गादी स्वीकार्यं दिन वि.सं. 2029, पोष शुक्ला चतुर्थी तथा ब्रह्मलीन वि.सं. 2036, पौष कृष्णा अष्टमी को।
8. आचार्य हरिनारायण जी महाराज वि.सं. 2004 जन्माष्टमी भादवा में 21 अगस्त, 1947 में व पदासीन वि.सं. 2029 पौषशुक्ला चतुर्थी से 08.06.2021 जेष्ठ कृष्ण त्रयोदशी विक्रम सम्वत 2078।
(नोट :- तृतीय आचार्य श्री रामकरण जी महाराज के बाद रेण रामस्नेही गादी कुछवर्षों तक रिक्त रही थी। )
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