Wednesday 7 December 2022

कुण जाणे दर्द हमारा, म्हारा बिछड़ीया राम प्यारा

कुण जाणे दर्द हमारा, म्हारा बिछड़ीया राम प्यारा ।। टेर ।।
 नाम उणा को दरिया, वे सुख सागर से भरिया। हम शरणे बांकी रहेता, माने राम भजन की कहता ।। 1 ।। 
हम दर्शन करने जाता, माने भर भर अमृत पाता। अब पूठ हमारी खाली, म्हारे शब्द कटारी साली ।। 2 ।। 
मोय बिछड़ियां दुःख दिया, म्हारे हिवड़े करवत बहिया। म्हारी अमृत गागर फूटी, म्हारे हीरां की लड़ टूटी । । 3 ।। 
गुरू दरिया मोक्ष सिधाया, म्हारा नैन उमट भर आया। मैं तो सब जग ढूँढण जाऊं, मैं वा सुरत कटासूं पाऊं ।। 4 ।। 
म्हारे तन बिच तालाबेली, जैसे जल बिन मीन दुहेली। कहे' सुखराम' सन्देशो, गुरू मिलिया जाय अन्देशो ।। 5 ।।

No comments:

Post a Comment