सूरत शब्द योग
एक आध्यात्मिक ध्यान और साधना प्रक्रिया है, जो संत मत और अन्य आध्यात्मिक परंपराओं में अभ्यास की जाती है। इसमें "सूरत" (आत्मा) को "शब्द" (आत्मा का संगीत या आंतरिक ध्वनि) के साथ जोड़ना और अंततः परमात्मा के साथ मिलन करना शामिल है.
विस्तार से
सूरत (आत्मा):
सूरत का अर्थ है आत्मा या ध्यान। यह शरीर, मन और आत्मा के परे, एक साक्षी तत्व है जो सब कुछ देखता है.
शब्द (आत्मा का संगीत):
शब्द का अर्थ है आत्मा का संगीत या आंतरिक ध्वनि। यह वह ध्वनि है जो सृष्टि के आरंभ से ही प्रवाहित हो रही है और यह आत्मा को परमात्मा की ओर आकर्षित करती है.
योग (मिलन):
योग का अर्थ है जोड़ना या मिलन। सूरत शब्द योग में, "सूरत" (आत्मा) को "शब्द" (आत्मा का संगीत) के साथ जोड़कर परमात्मा के साथ मिलन किया जाता है.
अभ्यास
सूरत शब्द योग का अभ्यास मुख्य रूप से आंतरिक ध्वनियों पर ध्यान केंद्रित करके किया जाता है। इसमें सिमरण (राम नाम का जाप), ध्यान और भजन (आत्मा के संगीत को सुनना) शामिल है.
लक्ष्य
सूरत शब्द योग का मुख्य लक्ष्य आत्मा को अपने मूल निवास तक पहुँचाना है, जहाँ से वह सृष्टि के आरंभ में उतरी थी और परम आनंद को प्राप्त करना है.
संत मत और अन्य परंपराओं में
सूरत शब्द योग संत मत और अन्य आध्यात्मिक परंपराओं में अभ्यास की जाने वाली एक महत्वपूर्ण साधना है। यह आत्मा को परमात्मा के साथ जोड़ने का एक सरल और सहज मार्ग है.
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