Thursday 5 October 2017

38 राष्ट्रीय हित-परक एकता सूत्र में बंधे

38 राष्ट्रीय हित-परक एकता सूत्र में बंधे:
रक्षा बन्धन का पवित्र-पावन पर्व शताब्दियों से भाई बहन के अटूट प्रेम स्नहे का अवश्य प्रतीक है लेकिन केवल हाथो पर रंगबिरंगी चमकीली कीमती राखियां (रक्षा सूत्र) बंधवा लेने मात्र ही इस पर्व का प्रयोजन व उद्देश्य नही है । आज के पावन पर्व पर हमें यह दृढ़ संकल्प लेना चाहिए कि हम मानव मात्र के प्रति भाईचारे व सदभाव का मानस बनाकर जात पात,ऊंच नीच और अमीरी गरीबी की दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई खाई को काटने का प्रयास करेंगे ।राष्ट्रीय हित परक एकता सूत्र में बंधकर कंधे से कंधे मिलाकर देश व समाज की निःस्वार्थ भाव से रक्षा व सेवा करेंगे इस प्रकार के ही रक्षा बन्धन की सच्ची महता और सार्थकता सिद्ध हो सकेगी ।
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*" सागर के बिखरे मोती "*
*रेण पीठाधीश्वर "श्री हरिनारायण जी शास्त्री "*

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