Friday 8 May 2020

दिल्ली के बादशाह ने अपने दिवान मदली खान पठान का ह्रदय परिवर्तन करना

रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्तक प्रधान आदि आचार्य श्री अनंत श्री दरियाव जी महाराज की जीवन घटना

दिल्ली के बादशाह ने अपने दिवान मदली खान पठान को संत दरियाव जी महाराज की हत्या करने के लिए रेन भेजा किंतु संत दरियाव जी महाराज की आलोकिक व्यक्तित्व को देखकर मदली खान पठान का हृदय परिवर्तन हो गया। वह संत दरियाव जी महाराज के चरणों में गिर गया और संत दरियाव जी महाराज का शिष्य बन गया। उस समय दिल्ली का प्रशासक अहमदशाह अब्दाली था। सन् 1761 ई. में मराठों के विरुद्ध पानीपत की तीसरी युद्ध में मदली खान पठान ने भाग लिया था। मदली खान पठान जब युद्ध में घायल हो गया तब उसने गुरु संत दरियाव जी महाराज का स्मरण किया। संत दरियाव जी महाराज ने रेन मे रहते हुए अपने शिष्य मदली खान पठान को संकट में जान उनकी पीड़ा को दूर किया। अपने गुरु के नाम पर ही मदली खान पठान ने दिल्ली में 'दरियागंज' नाम से उपनगर बसाया।

मदली खान पठान, दिल्ली को दीवान जाण।
भयों भाव नीके संत , पानीपत जंग में।।
हो हो जन दरियाव, दया कर आप पधारो।
मेटो तन की पीड़ा, विपत सब दूर निवारो।।

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