आचार्यश्री दरियावजी महाराज कहते है कि यदि तुम्हारी इच्छा
अपना कल्याण करने की है तथा इसी जन्म में इसी दिन और अभी मोक्ष
की प्राप्ति करना चाहते हो तो एक ही लक्ष्य को बना तो और एक ही
ध्येय को अंत:करण में स्थान दे दो की मुझे भगवत्प्राप्ति करनी है है
ऐसा निश्चय हो जाने से सांसोसांस में निरंतर राम-राम ध्यान आरंभ
हो जाता है । इसीलिए निरंतर अजपाजाप चलना आवश्यक है । जिससे
पुरे शरीर में रोम-रोम में राम-राम होने लग जाता है उसे ही अजपाजाप
कहते है ।
अपना कल्याण करने की है तथा इसी जन्म में इसी दिन और अभी मोक्ष
की प्राप्ति करना चाहते हो तो एक ही लक्ष्य को बना तो और एक ही
ध्येय को अंत:करण में स्थान दे दो की मुझे भगवत्प्राप्ति करनी है है
ऐसा निश्चय हो जाने से सांसोसांस में निरंतर राम-राम ध्यान आरंभ
हो जाता है । इसीलिए निरंतर अजपाजाप चलना आवश्यक है । जिससे
पुरे शरीर में रोम-रोम में राम-राम होने लग जाता है उसे ही अजपाजाप
कहते है ।
No comments:
Post a Comment