Wednesday 20 May 2015

मिश्रित साखी श्री दरियाव जी महाराज की दिव्य वाणी

आचार्य श्री कहते है कि बातों ही बातों में ये दिनरात जा रहे हैं
तथा शरीर की अवधि पूरी होनेवाली है । अत: यदि भजन नहीं किया
तो बाते करने में ही सारा जीवन बरबाद हो जाएगा । बातूने व्यक्ति से
तो वह आलसी व्यक्ति अच्छा है जो मौन बैठा रहता है तथा कुछ भी
नहीं करता है । क्योंकि वह पाप तो नहीं करता है । निन्दक व्यक्ति तो
दूसरों की निन्दा करके उनके पापों को धोकर स्वयं पीता है । आज आप
भजन करने बैठते हो तो आपको एक घंटा भी चौबीस घंटे के बराबर
लगने लगता है । मन में ऐसी अटपटी भी होती है कि कब समय पुरा
होगा ? परंतु बाते करते हुए सारी रात बीत जाए तो आपको नीन्दे भी
नहीं आएगी क्यों कि बातों में बडा मजा आता है । इस प्रकार से इन
सांसारिक व्यर्थ की बातों में बडा मजा आता है । इस प्रकार से इन
सांसारिक व्यर्थ की बातो में हमारी जिदंगी बहुत बरबाद हो रही है।

No comments:

Post a Comment