Wednesday, 10 February 2016

संसार दुःखो का घर

संसार दुःखो का घर
हिम्मत रखने वाले साधक को साधना में
सफलता अवश्य मिलती है । संसार दुखों का घर
है । सदूगुरु हमें इन दुखों से उभारने के लिय
उस स्थान पर ले जाना चाहत्ते हैं जहाँ आनंद ही
आनन्द है । स्वार्थ का भाव होने के कारण मनुष्य
सुखी नहीं रह पाता । कष्ट पड़ने पर ही व्यक्ति
राम नाम का स्मरण करता है ।
एक गृहिणी घर की सफाई के लिए प्रात:काल
झाडू. का इस्तेमाल करती है, फिर उसे कहीं
पटक देती है । जरुरत पड़ने पर ही उस झाडू. को
पुनः ढूंढती हैे,उसी भांति व्यक्ति,मन पूरी तरह
मलिन होने पर राम नाम रटता है । संकट से
उभरते ही सांसारिकता की दौड़ में शामिल हो
जाता है। जिस प्रकार सेनापति के आदेश से
सैनिक सम्भलता है,वर्दी धारण करता है,शस्त्र
उठाकर लड़ने को तैयार होता है, उसी प्रकार
सच्चा शिष्य गुरु के आदेश पर शरीर,जीवन और
मन को सम्भालता हुआ साधना ने लगता है।

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