Tuesday 16 February 2016

भक्ति में अहंकार ठीक नही।

भक्ति में अहंकार ठीक नही।
भक्ति में अहंकार को दूर रखना चाहिए ।
अहंकार के साथ की गई भक्ति फलित नहीं होती
और उससे ईश्वर भी प्रसन्न नहीं होते । मन से
भगवान की भक्ति करने पर भगवान भक्त के
समक्ष प्रकट होने के लिए आतुर रहते हैं । पृथ्वी
पर चराचर करोड़ो जीव मानव शरीर की कामना
करते है,लेकिन कई जन्मों के पुण्य कर्मों के
फलस्वरुप ही मानव देह प्राप्त होती है । चौरासी
लाख योनियों को भोगने के पश्चात मानव जीवन
मिलता है,इसलिए जीवन का सदुपयोग करना
चाहिए ।
धर्म पर शासन करने और उसे संचालित
करने के लिए ऋषियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती
है।शास्त्रो में जब जब धर्म के बारे में लिखा गया
। तब तब विघटन की स्थिति आई। तब ऋषियोँ ने
प्रेम के माध्यम से समाज को पुनः जोड़ने का
प्रयास किया। भारतीय ऋषियों, राजऋषियों ने
प्राण देकर सत्य की रक्षा की।

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