Tuesday 14 November 2017

49. ईश्वर की स्मृति ही मृत्यु का सच्चा लाभ है:

49. ईश्वर की स्मृति ही मृत्यु का सच्चा लाभ है:

यह शरीर नाशवान है इसलिए मृत्यु अनिवार्य है। मृत्यु के समय मनुष्य को घबराना नही चाहिये। मनुष्य वैराग्य के शस्त्र से शरीर और शरीर से संबंध रखने वालों (माता पिता पुत्र पत्नी) से अपनी ममता को काट दे। मनुष्य को अपने ज्ञान, भगति तथा धर्म निष्ठा से अपना जीवन ऐसा बना लेना चाहिए कि मृत्यु के समय ईश्वर स्मृति बनी रहे । अन्तिम समय ईश्वर की ही स्मृति ही मृत्यु का सच्चा लाभ है।

*दरिया सुमिरे एक ही राम, एक राम सारे सब काम।।*

रेण पीठाधीश्वर"श्री हरिनारायण जी शास्त्री"

🌷सागर के बिखरे मोती🌷

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