Tuesday 18 October 2022

अथ महालक्ष्मी को प्रसंग

अथ महालक्ष्मी को प्रसंग

इस प्रसंग में दरिया महाप्रभु के भजन ध्यान पूर्ण स्थिति को देखकर स्वर्ण कटोरा लेकर महालक्ष्मी द्वारा अमृत पान करना।

क्रिपा करी महाराज, आप महा लिछमी आया। 
किनक कटोरो हाथ, भरयो इमृत को लाया ।।

इस्यो तेज अद्भुत रूप मायो को भारी । 
अंछण देवी आप, त्रिगुण ईश्वर अवतारी ॥ 

कहयो आप महाराज, पीयो जन दरिया दासा ।
 इम्रत रस इदकार, ग्यान केवल परकासा ॥ 

पीयो ध्रुव प्रहलाद, नाम कबीर ज्यूलावे । 
आप संगत म्हाराज, दास दरियाव ने पावे ॥ 

नमसकार कर जोड़, हाथ दोन्यो में लीनो । 
एक घूंट भर पीयो, भेर दूजो नहीं पीनो ॥

आरो कठण कखर, सुदारस पीयो न जाइ। 
पीवे विरला संत, सुन समाध लगाई ॥

पूथा चौथे देश, जहां कोई दिवस न राती। 
आप ही उपर आप, अखंडत जागे जोती ॥

जगे अखंडत जोत, छोत कोइ लागे नाही । 
जन दरिया महाराज, मिल्या केवल पद माही ॥

No comments:

Post a Comment