Wednesday 12 October 2022

अथ खाजु मीरां को प्रसंग

अथ खाजु मीरां को प्रसंग

इस प्रसंग में अजमेर के खाजा मीरा (मामा भानजा) दोनों द्वारा रामधाम रेण जाकर आचार्य श्री दरियाव जी महाराज का दर्शन कर प्रसन्न होना ।

षाजु मीरा सा है दो मामो भाणजा । 
तारागढ अजमेर, फरु के परगढ नेजा ॥ 
हिन्दु मुसलमान दोहुँ पूजे इकतारी । 
कलारूप करतूत जगत में मेमा भारी ॥ 
एक इन्छा धार, मिलण दरिया सुं आया । 
भाव प्रेम रस रीत, प्रीत करु दरसन पाया ॥ 
सुकल रूप सिर पांव, सुगन्ध सुरगादिक जैसी। 
देखन जन दरियाव, हुवा दिन मन माहीं खुशी ॥ 
परसण भये म्हाराज, भक्ति की राह बताई । 
खाजु मीरां साह, जीकर की फिकर लगाई।॥ 
राम नाम परताप नहीं, काई जुग में छानो । 
परगट जन दरियाव, नबी साहेब ज्यूं जानो ॥

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