अथ महिमा को प्रसंग
इस प्रसंग में पद्मदास कृत आचार्य श्री दरिया महाप्रभु की महिमा का वर्णन है।
जन दरिया भगवंत संत प्रगट अवतारी।
परमानन्द परबुध, अगम की कथा उचारी ॥
गिरधर गोविन्द राम, राम राधो भज लीना ।
खेम द्वारका दास, राम भज कारज कीना ॥
हरिदास हर भगत, राम ही राम उचारया ।
रामदास ध्रुराम, राम कहे कारज सारया ॥
तीन पुत्र सीष सात, प्रेम के परगट भारी ।
तां मध जन दरियाव, बड़ा दीरग इदकारी ॥
ग्यान ध्यान भरपूर, नूर निरमल सुखदाई।
भगत तेज परताप, सुंन समाद लगाई ॥
प्रेमदास परताप, ईस्या परगट जुग सारे ।
अनंत उधारया जीव, फेर अनंता कुं तारे ॥
असो नाम परताप, दास द्ररिया के भारी।
ब्राह्मणछत्री वंस, सुद्र चेला ईदकारी ॥
पूरणदास किसनो बड भागी ।
सुखराम नानग, सुरत साहिब सुं लागी ॥
भगत करी परवेस, देस मुरधर खंड माहि ।
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