Friday 14 October 2022

अथ महिमा को प्रसंग

अथ महिमा को प्रसंग

इस प्रसंग में पद्मदास कृत आचार्य श्री दरिया महाप्रभु की महिमा का वर्णन है।

जन दरिया भगवंत संत प्रगट अवतारी। 
परमानन्द परबुध, अगम की कथा उचारी ॥ 
गिरधर गोविन्द राम, राम राधो भज लीना । 
खेम द्वारका दास, राम भज कारज कीना ॥ 
हरिदास हर भगत, राम ही राम उचारया ।
 रामदास ध्रुराम, राम कहे कारज सारया ॥ 
 तीन पुत्र सीष सात, प्रेम के परगट भारी ।
  तां मध जन दरियाव, बड़ा दीरग इदकारी ॥
   ग्यान ध्यान भरपूर, नूर निरमल सुखदाई। 
   भगत तेज परताप, सुंन समाद लगाई ॥ 
   प्रेमदास परताप, ईस्या परगट जुग सारे । 
   अनंत उधारया जीव, फेर अनंता कुं तारे ॥ 
   असो नाम परताप, दास द्ररिया के भारी। 
   ब्राह्मणछत्री वंस, सुद्र चेला ईदकारी ॥ 
   पूरणदास किसनो बड भागी । 
   सुखराम नानग, सुरत साहिब सुं लागी ॥ 
   भगत करी परवेस, देस मुरधर खंड माहि । 
   च्यारुं सिखां सुजाण, परगट घट व्यापक साही ॥

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